Introduction :-
- 12 जून 2025 को भारत के अहमदाबाद एयरपोर्ट से विमान उड़ान भरते ही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 भीषण हादसे का शिकार हो गई। इस भयावह विमान दुर्घटना में 242 लोगों में से 241 की मृत्यु हो गई। परंतु इस भीषण त्रासदी में एक ऐसा व्यक्ति भी था जो चमत्कारी रूप से बच गया। उस व्यक्ति का नाम है “विष्वाश कुमार रमेश“। इस ब्लॉग में हम उसी व्यक्ति की कहानी, घटना की विस्तृत जानकारी, और यह भी देखेंगे कि क्या कोई बच्चा इस दुर्घटना से बच पाया या नहीं-
फ्लाइट AI-171 का हादसा:-

- (Air india cresh 2025 में बचा एकमात्र यात्री रमेश )फ्लाइट अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही थी। टेकऑफ के मात्र 30 सेकंड के भीतर विमान तकनीकी खराबी के कारण डॉक्टरों के हॉस्टल पर गिर पड़ा। यह हादसा मेघानीनगर इलाके में हुआ, जो अहमदाबाद शहर के घनी आबादी वाले क्षेत्र में आता है। हादसे में विमान में सवार लगभग सभी लोग मारे गए, साथ ही हॉस्टल में मौजूद दर्जनों मेडिकल छात्र भी इस त्रासदी का शिकार बन गए।
एकमात्र जीवित व्यक्ति: विष्वाश कुमार रमेश:-
पहचान और पृष्ठभूमि:
- Air india cresh 2025 में बचा एकमात्र यात्री रमेश जो 40 वर्षीय ब्रिटिश-भारतीय नागरिक हैं। वे बिजनेस क्लास में यात्रा कर रहे थे और सीट नंबर 11A पर बैठे थे, जो एक इमरजेंसी एग्जिट के पास स्थित है।
कैसे बचे?:-
- जब विमान अहमदाबाद ऐयरपोर्ट से उड़ान भरी, तो कुछ ही सेकंड में विमान में असामान्य कंपन और आवाज़ आने लगी । विमान को टेकऑफ होने के लगभग 30 सेकंड बाद विमान तेजी से नीचे गिरने लगा। जब विमान जमीन से टकराया, तो चारों ओर आग और धुएं का गुबार फैल गया। विष्वाश को विमान की स्थिति का अंदाजा हो गया था जिससे उन्होंने तुरंत ही इमरजेंसी एग्जिट डोर खोलकर छलांग लगा दी।
विष्वाश कुमार रमेश की प्रतिक्रिया:-
अस्पताल में भर्ती होने के बाद उन्होंने बताया:

- विष्वाश कुमार रमेश अस्पताल में भर्ती होने के बाद बताया की “मैंने चारों ओर देखा तो सब कुछ जला हुआ था, लोग चीख रहे थे, लोगो के शव बिखरे थे। मैं खुद भी डरा हुआ था, लेकिन मैंने हिम्मत करके भागने का फैसला लिया।
- विष्वाश कुमार रमेश का कहना है की , उनका भाई अजय रमेश भी उसी फ्लाइट में था लेकिन वह किसी और सीट पर बैठा था और दुर्भाग्यवश वह इस दुर्घटना का शिकार हो गया।
विष्वाश कुमार रमेश की स्वास्थ्य स्थिति:-
- विष्वाश को चोटें आई थीं – छाती, आंखों और पैरों पर – लेकिन उनकी हालत स्थिर बताई गई है। डॉक्टरों का कहना है कि विष्वाश कुमार रमेश जल्द ही पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएंगे।
क्या कोई बच्चा बचा?:-
- फ्लाइट में 11 बच्चे भी सवार थे। लेकिन हादसे के बाद आए रिपोर्ट्स में किसी भी बच्चे के बचने की पुष्टि नहीं हुई है।
बच्चों की कहानी:-
- बच्चों की उम्र 2 से 12 वर्ष के बीच थी। वे या तो अपने माता-पिता के साथ यात्रा कर रहे थे या अकेले। दुर्घटना में इन सभी बच्चों की मृत्यु हो गई। यह त्रासदी और भी दर्दनाक इसलिए बन जाती है क्योंकि मासूम जिंदगियाँ, जो की अभी आपने जीवन की शुरुवात कर रही थी
निष्कर्ष:-
- यह विमान हादसा भारत के इतिहास में एक बेहद दुखद और गहराई से झकझोर देने वाली घटना के रूप में दर्ज हो गया है। 241 लोगों की एक साथ मृत्यु, मासूम बच्चों की असमय मौत, और मेडिकल छात्रों की आकस्मिक समाप्ति पूरे देश के लिए शोक का कारण बनी। परंतु इसी अंधेरे में विष्वाश कुमार रमेश की जीवित बचने की कहानी एक चमत्कार और इंसानी साहस का प्रतीक बनकर सामने आई। उनका तुरंत निर्णय लेना, मानसिक सजगता और स्थिति को समझने की क्षमता एक प्रेरणा है।
- यह हादसा हमें यह सिखाता है कि जीवन अनिश्चित है, लेकिन विपरीत परिस्थितियों में भी सूझ-बूझ और हिम्मत हमें जीवन दे सकती है। यह हादसा केवल एक तकनीकी दुर्घटना नहीं, बल्कि मानवता, सुरक्षा जागरूकता और जीवन के मूल्य पर विचार करने का एक गंभीर संकेत है। हमें इससे सीख लेनी चाहिए और भविष्य में सतर्क रहना चाहिए।
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